कल जो बारिश हुई, समाँ महकने लगा था
मैं पीता नहीं, पर बहकने लगा था
होने लगी थीं घटाऎं दीवानी, रौनक बिछाए थी बिजली जमीं पर
हवाओं की ईठलाती-बलखाती अंदाज ना पुछो
जिधर से गुजरती नशा ही नशा था ...
कल जो बारिश हुई, समाँ महकने लगा था
बड़ी कौतुहल थी चारों तरफ
परिंदों ने मिलके जब नया गीत छेड़ा
बारिश के लहरों ने सुर को सजाया
वो मोती सी बुँदें थिरकने लगी थीं ...
कल जो बारिश हुई, समाँ महकने लगा था
बड़ी हसीन शाम वो हुई थी
किसी के भी चेहरे पे ना शिकवे गिले थे
मस्ती में मस्ती के सब मतवाले हुए थे
कैसे हुआ ये, ना आये यकीं था ...
कल जो बारिश हुई, समाँ महकने लगा था
चारों तरफ मैंने जब नज़रें फिराई
चलता गया उसकी आगोश तक
देखा तो बस यूँ नजरें हटी ना
ना जाने कितने नगीने लपेटे हुई थी
कँप-कँपाते लबों की सुर्खियों पर
सुर्ख गुलाबों की शोखी रंगाई हुई थी
वो हुस्न-ए-परी, एक भींगी लड़की खड़ी थी ...
कल जो बारिश हुई, समाँ महकने लगा
कल जो बारिश हुई, समाँ महकने लगा था
मैं पीता नहीं, पर बहकने लगा था
- राकेश झा
crazzyrk@gmail.com
no dought.. its comes from deep of hearts..
ReplyDeleteGreat excellent..
Vry Nice Sir...
ReplyDeletewhen i read...शमॉ महकने लगा था.
ReplyDeletearre bhaiya ye kya ho gaya aapko !!!!!!!!!!! aap geet bhi likhte ho, ya hamare liye bhabhi lane wale ho unki yaad me he Dhananjay
ReplyDeleteबहुत अच्छे, लेकिन टाइपिंग की गलतियों पर ज़रा ध्यान दो क्योंकि उससे कविता का अर्थ बदल जाने की संभावना होती है.
ReplyDelete1. शमॉ नहीं मेरे भाई समाँ/समा हर जगह रिप्लेस करो
2. नशॉ - नशा
3. परिन्दों ने मिलक - परिंदों ने मिलके
4. वो मोती सी बुदें थिकरने लगा था - वो मोती सी बुँदें थिरकने लगी थीं
5. लवों की - लबों की
6. शुर्ख़ - सुर्ख
7. एक भींगी - एक भीगी
wow superb funtastics song brother
ReplyDeletekamal karte.. ho jha gee..
wow superb funtastics song brother
ReplyDeletekamal karte.. ho jha gee..
Wah \wah kya baat hai.
ReplyDeleteaccha lga...keep it up Jha g...
ReplyDeletebahut khoob bhai sahab...!!
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